🌹🌹🌹🌹🌹मनुष्य को स्वयं को जानना जीवन की प्राथमिकता...🌹🌹🌹🌹🌹
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हर एक इंसान के लिए जीवन के प्रारंभिक 25 वर्ष शिक्षा के लिए होते हैं जिसका पालन लगभग सभी लोग करते हैं.... और दुनियाँ भर की जानकारी प्राप्त करते हैं....
पर भारतीय संस्कृति के अनुसार यही समय जीवन विद्या को जानना और समझने का भी है.. क्या इस महत्वपूर्ण पक्ष पर हमारा ध्यान जा रहा है... यदि हाँ तो जीवन में हमेंशा सुख और शांति
का अनुभव होगा....
और यदि नहीं तो जीवन के इस महत्वपूर्ण पक्ष के प्रति गंभीर हो जाइए ....
हर किसी के लिए जीवन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण प्रश्न है कि.... " मैं कौन हूँ ? "
इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए ही हमें इंसान बनाकर भेजा गया है... उस सुप्रीम अथॉरिटी द्वारा.... जिसे खोजने हम मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और गिरिजाघर में जाते हैं.....
उसकी व्यवस्था हम पर हर पल लागू है.... वो व्यवस्था है " कर्मफ़ल व्यवस्था "
जिससे हम सबके हर कार्य का अॉकलन और तद्नुसार परिणाम निर्भर होता है....
इसमें महत्वपूर्ण यह है कि विचार भाव का ही फ़ल मिलता है...याने कि शुभ परिणाम के लिए हमें वैचारिक और भावनात्मक रूप से जागरूक होना पड़ेगा... यदि नहीं रहे तो अचेतावस्था में अशुभ भावों और विचारों के द्वारा हम जीवन में संकट के बीज बोते रहेंगे... और जीवन में सबकुछ होते हुए भी शांति और सुख नदारद रहेंगे.....
इसलिए उस परमात्मा के अनुशासन में चलना ही मानवता है.... और यही जीवन लक्ष्य है....
यही स्वयं को जानना है....
जब प्रारंभिक तौर पर ईमानदारी से इतना जानने के बाद ही आगे की समझ आ सकेगी......
💥💥💥 सबका जीवन मंगल हो 💥💥💥
💠💠 जय जय भारतीय संस्कृति 💠💠
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